*अंतरराष्ट्रीय हिन्दी साहित्य प्रतियोगिता मंच - "हमारीवाणी"*
*प्रतियोगिता का विषय*
*धर्म / जाति / ऊच / नीच / बड़ा / छोटा / समाज / बिरादरी / सामान्य*
धर्म
धर्म का अनुसरण कर जाति ऊंच-नीच,
भेद सारा मन का मिटाइये ।
बड़ा छोटा कोई नहीं समाज में एकता,
सामान्यता का रूप दिखाइये ।
चमकते दमकते कोहिनूर है हम सब,
माला में पिरोकर सुमेरु बन जाइये ।
एकता के परिचायक हे हम,
सभी मिलकर एक हो जाइये ।
खंड खंड में क्यों रहते हो सब भाई,
सब मिलकर अखंड भारत बनाइये ।
विश्व गुरु बनेगा सबका भारत देश,
सब मिलकर इसे विश्वगुरु बनाइये ।
बिरादरी में मिलकर सबको समझाकर,
अनेकता में एकता का परिचय दीजिये ।
जात पात भेद भाव भूल करके सब,
मर्यादित रहने का ज्ञान सबको दीजिये ।
मिट जाये भेदभाव हर तन मन का सब,
एकता का मंत्र सब गुन गुनाना सिखिये ।
अब नया इतिहास स्वर्णिम हो जाएगा,
एक बार सब मिल कोशिश तो कीजिये।
सारा सच कहता है सुनो सब पुकार को,
सारा सच साथी सब एक हो जाइये ।
सभी मिलकर एकता का मंत्र पढ़ कर,
ज्ञानी होकर सब महाज्ञानी बन जाइये ।
रचना का शीर्षक *धर्म*
रचना पूर्ण रूप से मौलिक है सत्य एवं प्रमाणित है
कवि सुरेंद्र कुमार जोशी
ग्राम- जोलाय
तहसील- सोनकच्छ
जिला -देवास /मध्य प्रदेश
No comments:
Post a Comment