नवरात्रि का त्योहार
शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा तूँ,माँ तूहीं ललिता का अवतार।
कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी तूँ, माँ तूहीं शक्ति का अवतार।
कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री,तेरी कृपा से सपने होते साकार।
माँ तू कल्याणकारी, भवतारिणी नव जगदम्बे तेरी महिमा अपरम्पार
हिन्दू संस्कृति के पर्वों में अनुपम है प्यारा नवरात्रि का व्रत त्योहार ।
गले पुष्पों ,पारिजात की माला शोभे ,छाए अनुपम अद्भुत निखार ।
विविध आभूषणों, कुमकुम चंन्दन, सिन्दूर से होता तेरा भव्य श्रृंगार।
हर्षित पुलकित नयनो में तेरे भक्तों के लिए असीम प्यार-दुलार ।
अष्ट सिद्धि नव निधि की दाता जगतजननी तेरी महिमा अपरम्पार ।
हिन्दू संस्कृति के पर्वों में अनुपम है प्यरा नवरात्रि का व्रत त्योहार ।
सिन्दूर से होती सुहागनों की होली बरसता जैसे रंगों की फुहार ।
मधुरम मस्त बहती अरूणिमा सी नवरात्रि की रमणीय बयार ।
सप्तशती मंत्रों से सुशोभित मंगलाचार करता संपूर्ण संसार ।
अश्विन, चैत्र महिनें में मनता ऐसा पावन व्रत व अद्वितीय त्योहार ।
नन्ही बच्चियाँ होती जैसे वो देवी सत्यानंदस्वरूपिणी का अवतार।
शीष नवाते पुष्प चढाते चरणों में , करते देवी का सोलह श्रृंगार ।
हलवा ,पूरी ,चना ,फलों का भोग लगाते ,भक्तो सा निभाते किरदार।
ऊँच-नीच का भेद मिटाते ऐसा अनुपम सांस्कृतिक हिंदू परिवार ।
हिन्दू संस्कृति के पर्वो में अनुपम है प्यारा नवरात्रि का व्रत त्योहार ।
कील,कवच,अर्गला,देवी सुक्तम,नवार्ण विधि से होता मंत्रोंचार ।
दुर्गा सप्तशती अद्भुत रहस्यमयी ऐसा है पावन पवित्र व्रत त्योहार ।
नवनिधि की दात्री माता अष्ट सिद्धि प्रदाता, तूहीं भक्ति का आधार ।
जय माता दी के गूँज से प्रतिध्वनित माँ तेरी होती जय जयकार ।
हिन्दू संस्कृति के पर्वो में अनुपम है प्यारा नवरात्रि का व्रत त्योहार ।
रचनाकार: अश्मजा प्रियादार्शिनी
पटना, बिहार
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