*अंतरराष्ट्रीय हिन्दी साहित्य प्रतियोगिता मंच - "हमारीवाणी"*
*प्रतियोगिता का विषय*
*दिवाली / गोवर्धन / विषकर्मा / भाईदूज / धनतेरस / त्यौहार / पूजा*
*दीपावली खुशियों का त्योहार*
घर आंगन में दीपक देखो,
खुशियों का त्योहार है ।
द्वार द्वार चमके दीपक,
खुशियों का त्योहार है ।
तोरण फूल पताका से,
चमक रहे घर बार है ।
हर घर में खुशियां मनाते,
खुशियों का त्योहार है ।
बच्चे बूढ़े मात्रृ शक्तियों में,
खुशियों की बहार है ।
चारों ओर जगमगाते दीपक,
खुशियों का त्योहार है ।
धनतेरस धन्वंतरि देव की,
पूजा का त्योहार है ।
चारों ओर जगमगाते दीपक,
खुशियों का त्योहार है ।
रूप चौदस रूप निहार,
गोवंश स्नान का त्यौहार है ।
चारों ओर जगमगाते दीपक,
खुशियों का त्योहार है ।
अमावस्या माता लक्ष्मी पूजन ,
सुख शांति समृद्धि प्रेम अपार है ।
चारों ओर जगमगाते दीपक,
खुशियों का त्योहार है ।
पड़वा के दिन गोवर्धन पूजा,
दूध अन्न धन का भंडार है ।
चारों ओर जगमगाते दीपक,
खुशियों का त्योहार है ।
विश्वकर्मा का करते पूजन,
सभी में खुशियां साकार है ।
चारों ओर जगमगाते दीपक,
खुशियों का त्योहार है ।
भाई दूज पर भाई बहन का,
मिलता पवित्र प्यार है ।
चारों ओर जगमगाते दीपक,
खुशियों का त्योहार है ।
सत्य सनातन धर्म का,
यह पावन त्यौहार है ।
चारों ओर जगमगाते दीपक,
खुशियों का त्योहार है ।
सारा सच कहता है सुनलो,
दीपावली खुशियों का त्योहार है ।
चारों ओर जगमगाते दीपक,
खुशियों का त्योहार है ।
सारा सच का कहना मान कर,
दीपावली खुशियों का त्योहार है ।
चारों ओर जगमगाते दीपक,
खुशियों का त्योहार है ।
चारों और दीपक जगमगाते,
दीपोत्सव का त्योहार है ।
चारों ओर जगमगाते दीपक,
खुशियों का त्योहार है ।
रचना का शीर्षक
*दीपावली खुशियों का त्योहार*
रचना पूर्ण रूप से मौलिक है सत्य एवं प्रमाणित है
कवि सुरेंद्र कुमार जोशी
ग्राम- जोलाय
तहसील- सोनकच्छ
जिला -देवास /मध्य प्रदेश
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