डॉ गुंजन आर्या
है भारतीय तू
वो ग़ुलाम देश था भारत जब
अंग्रेजो से वह मुक्त हुआ है अब
कुरबानी दे आज़ाद देश
जो सीचा गया लहु से
ग़ुलाम था जो देश,उम्मीद आज़ादी कि लिए
बढ़ता रहा क्रांति पथ पर निडर ,निर्भर अक्सर
वीरो से ही आज़ाद हुआ ग़ुलाम देश था वो
बच्चा बच्चा क्रांतिवीर था ,भारत देश है वह
बलिदान अप्रयुक्त ना था ,आज देख ख़ुद को
आज़ाद सोच ,आज़ाद बोल,आज़ाद घुम
आज़ाद तो ,आज़ाद हँसलो .
ना है अब ग़ुलाम तू
क्योंकि गौरव है ,है भारत वासी तू
उड़ चल अब आसमाँ में तू ,ना ग़ुलाम है तू
रख महत्त्व उस बलिदान ,है भारतीय तू
डॉक्टर गुंजन आर्य
(Uttarakhand)
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