राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य मंच हमारी वाणी
साप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु
विषय ....भारत
नाम ..अनन्तराम चौबे अनन्त जबलपुर म प्र
कविता ...
भारत
सोने की चिड़िया भारत था
वो भारत फिर से बनाना है ।
सुख शांति समृद्धि यहां हो
ऐसा ही हिन्दुस्तान बनाना है ।
आतंकवाद और भ्रष्टाचार से
मुक्त हो ऐसा देश बनाना है ।
आरक्षण की वैशाखी न हो
स्वावलंबी भारत बनाना है ।
भारत देश हमारा है
आपस में भाई चारा है।
एकता आपस में रहती है
ऐसा सुन्दर देश हमारा है ।
खेतो का खलियानों का
ये देश है वीर जवानों का ।
मिट्टी की सौदीं खुशबू में
देश है सच्चे किसानो का ।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
सब मिलकर भाई भाई रहते ।
सभी धर्मो की पूजा करते हैं
सारा सच गुरूद्वारे में माथा टेकते ।
मस्जिद में नमाज है पढ़ते हैं
मंदिरो में सब पूजा करते हैं ।
चर्च में जाते प्रार्थना करते हैं।
सभी धर्मो का आदर करते हैं ।
रक्षाबंधन दशहरा दीवाली
मिलकर खेलें रंगो की होली ।
ईद मुबारक मिलकर करते
क्रिसमस में भी खुशी मनाते ।
शरहद पर वीर जवानों को
सदा नमन हम सब करते हैं ।
जय जवान जय किसान के
नारे लगा उत्साहित करते हैं।
कोई जवान शहीद जब होते
शरहद की जो रक्षा करते हैं।
जान हथेली पर जो रखते ।
सारा सच मुस्तैदी से रहते हैं।
ठंडी गर्मी या बरसात हो
मौसम चाहे जो भी आते हैं।
अपने घरों में रहकर भी हम
सुख चैन की नींद से सोते हैं ।
सारा सच है हर मौसम में
शरहद पर वीर जवान रहते हैं ।
दुश्मन पर है नजर वो रखते हैं ।
देश की रक्षा हमेशा करते हैं।
देशभक्ति के इस जज्बे को
सदा ही नमन हम करते हैं ।
शरहद के वीर जवानों को ।
शत शत नमन हम करते हैं ।
देश की एकता भाई चारा
सारा सच ऐसा भारत हमारा है ।
एकता और भाई चारे का
ऐसा सुन्दर ये देश हमारा है ।
अनन्तराम चौबे अनन्त
जबलपुर म प्र
No comments:
Post a Comment