विषय - शहीद भगत सिंह
विधा - कविता
आज़ादी के मतवाले ऐसे भगत पर हमें है नाज,
कृतज्ञ राष्ट्र कर रहा शहीद सेनानी तुमको याद।
रोगंटे खड़े कर दे ऐसे विचारों के धनी रहें आप,
छोटी उम्र में शहीद हुऐ राष्ट्र करता नमन आज।।
हिंदी अंग्रेजी संस्कृत पंजाबी उर्दू के विद्वान रहें,
आप अच्छे वक्ता पाठक लेखक व पत्रकार रहें।
नौंजवानों को प्रेरणा वाले स्वतन्त्रता सेनानी रहें,
अंग्रेजों को झकझोरने वाले बब्बरशेर आप रहें।।
28 सितम्बर को जन्में विद्यावती माता के गर्भ,
पिता का नाम सरदार किशन सिंह सिन्धु इनके।
23 वर्ष में प्राण न्यौछावर कर दिए हॅंसते-हॅंसते,
बचपन से ही दूर-दूर चर्चे थें ऐसे भगत सिंह के।।
लेखक भी थें भगतसिंह क्रांतिकारी विचार भरें,
अनेंको संकलन है प्रकाशित दस्तावेज भरें पड़ें।
कई लेख लिखें एक शहीद जेल नोटबुक लिखें,
बचपन से ही देश भक्त थे घरवाले सब बड़े-बड़े।।
देशप्रेम में भगत सिंह काॅलेजी पढ़ाई छोड़ दिऍं,
असहयोग आंदोलन में गांधी संग समर्थन किऍं।
अंग्रेजों को खुले आम यह बहादूर ललकार करें,
इंकलाब जिंदाबाद करते हंसते फांसी झूल गऍं।।
सारा सच है हमारे लिखे हुऍं इस रचना के शब्द,
ऐसे देशभक्त थें जिनके लिए नही है कोई शब्द।
जिनके जन्मदिन पर आज हम मनाते है उत्सव,
सदैव अमर रहें भगत सिंह यही है मेरे भी शब्द।।
रचनाकार
गणपत लाल उदय अजमेर राजस्थान
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