Sunday, 23 March 2025

दीपावली - डॉ मंजू महेश


दीपावली  - डॉ मंजू महेश
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दीप जलाओ दीप जलाओ 
आज दीवाली आई है 
उस घर के चौखट पर 
दीप जलाओं जहां मां ने 
मातृभूमी के प्रति प्रेम में 
सीमा पर उनके पुत्र ने
अपनी जान गंवाई है ।

दीप जलाओ दीप जलाओ 
आज दीवाली आई है 
उस घर के चौखट पर 
दीप जलाओ जहां मां ने 
कोक से जन्म लेने से पहले ही 
नवजात को ससुरवालों ने 
लड़की कहकर गिराया है।

दीप जलाओ दीप जलाओ 
आज दीवाली आई है 
उस घर के चौखट पर 
दीप जलाओ जहां मां ने 
बेटी को दहेज के नाम पर 
ढोली उठने से पहले ही 
बेटी की अर्थी उठाई है।


दीप जलाओ दीप जलाओ 
आज दीवाली आई है 
उस घर के चौखट पर 
दीप जलाओ जहां मां ने 
पती रुपी किसान को 
कर्ज के नाम पर 
फांसी पर पाया है।

दीप जलाओ दीप जलाओ 
आज दीवाली आई है 
उस घर के चौखट पर 
दीप जलाओ जहां मां ने 
दरिद्रता और बेबसी के कारण 
उनके घर न रोक आई है।

दीप जलाओ दीप जलाओ 
आज दीवाली आई है 
उस घर के चौखट पर 
दीप जलाओ जहां मां ने 
अपनी झोपड पट्टी में 
बिजली एक दिन भी न पाई है।

दीप जलाओ दीप जलाओ 
आज दीवाली आई है 
उस घर के चौखट पर 
दीप जलाओ जहां मां ने 
अपनी मासूम कली को 
बलात्कार कर मुरझा पाया है।

दीप जलाओ दीप जलाओ 
आज दीवाली आई है 
उस घर के चौखट पर 
दीप जलाओ जहां मां ने 
अपने सुपुत्र को नशे
डक्स धूम्रपान और शराब से 
अपनी जान गंवाई है।

दीप जलाओ दीप जलाओ 
आज दीवाली आई है 
उस घर के चौखट पर 
दीप जलाओ जहां मां ने 
अपनी अर्थी उठने से पहले ही 
अपने बेटे की अर्थी उठाई है।

दीप जलाओ दीप जलाओ 
आज दीवाली आई है 
उस घर के चौखट पर 
दीप जलाओ जहां हर मां ने 
जीवन में सब कुछ खोया है।

दीप जलाओ दीप जलाओ 
आज दीवाली आई है 
उस युद्ध भूमि के चौखट पर 
दीप जलाओ जहां 
हजारों देश भक्तों ने 
देश प्रेम के खातिर 
अपनी जान गंवाई है।

                डॉ मंजू महेश (केरल)

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