Monday, 1 December 2025

धिकार - आभा सिंह

धिकार - आभा सिंह 

राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य प्रतियोगिता मंच  #हमारी_वाणी 
#मेरी कलम मेरी पहचान 
#विषय - अधिकार 

संविधान सबको समान शिक्षा,प्यार,अधिकार देता है,
अमीरी,गरीबी की खाई को भरकर भेदभाव मिटाता है..

एक संवैधानिक लोकतंत्र में, राज्य नागरिकों को अधिकार प्रदान करता है और उनके लिए कर्तव्य निर्धारित करता है, ताकि समाज शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में रह सके । हालाँकि, कभी-कभी राज्य अपने नागरिकों पर ऐसे कर्तव्य थोप देता है जो समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। #महात्मा गांधी ने हिंद स्वराज में कहा था कि "वास्तविक अधिकार कर्तव्य के पालन का परिणाम हैं" । अधिकार और कर्तव्य आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं और इन्हें एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता।
 प्रत्येक अधिकार के साथ एक कर्तव्य भी जुड़ा हुआ है । राज्य अधिकारों की रक्षा और उन्हें लागू करता है और सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि वे राज्य के प्रति वफ़ादार रहें। इस प्रकार एक नागरिक के अधिकार और कर्तव्य दोनों होते हैं। एक व्यक्ति का अधिकार उसका कर्तव्य भी है l मान लीजिये यदि राज्य किसी नागरिक को जीवन का अधिकार देता है, तो वह उस पर यह दायित्व भी डालता है कि वह अपने जीवन को खतरे में न डाले, साथ ही दूसरों के जीवन का सम्मान भी करे।

भारतीय संविधान अपने नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करता है l अंत में इतना ही कहना है कि-"सबको समान अधिकार मिलना चाहिये और  जबरन श्रम के विरुद्ध, “अस्पृश्यता” के विरुद्ध, सार्वजनिक स्थानों पर भेदभावपूर्ण पहुंच के विरुद्ध तथा अन्य गारंटी के माध्यम से मौलिक अधिकारों द्वारा  भारतीय समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास किया जाना चाहिये l"

मौलिक 
आभा सिंह 
वाराणसी

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