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#हंगामा - अनिता शर्मा
शांति संदेश हुए सब धूमिल
मक़सद सिर्फ हंगामा है,
बातेँ रखना चाहते जन जब
खड़ा होता हंगामा है।।
ढेर लगते समस्याओं के जब
बात समाधान की आती,
हल करना है समस्या को किन्तु
भेंट हंगामे की हो जाती।।
घर ,बाहर ,बाज़ार में देखो
सिर्फ हंगामा दिखता है
शादी, ब्याह,पिकनिक, पार्टी
हंगामा मन भाता है।।
अंत समय शांति है पाना किन्तु
शव भी चक्काजाम करवाता है
अग्नि दाह तो होना ही है
हंगामा पहले हो जाता है।।
अनिता शर्मा
देवास (मध्य प्रदेश)
मौलिक और स्वरचित

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