।। भारत ।।
फहरा रही पताका जिसकी
विश्व विजय गाता जग उसकी
आन-बान सम्मान का सूचक
विजयी विश्व तिरंगा द्योतक
प्रहरी बनकर खड़ा हिमालय
जन-जन का अभिमान यही है ।
अपना भारत देश यही है ।।
श्वेत-धवल गंगा-यमुना
सरस्वती की निर्मल धारा
हिम चादर से ढका शिखर है
सागर जिसका पांव पखारे
पूरब से पश्चिम तक जिसकी
यश कीर्ति विमल रही है ।
अपना भारत देश यही है ।।
शस्य-श्यामला धरा विलोकित
अंबर आभा से आलोकित
जय-जवान संग जय-किसान
अद्भुत संगम मेल यहां है
जल-थल-नभ में शक्ति प्रदर्शन
इसरो का अभियान यही है ।
अपना भारत देश यही है ।।
विविध रूप में बोली भाषा
धर्म-कर्म का मेल यहां है
रंग-बिरंगे परिधानों का
सुंदर सा परिवेश यहां है
त्योहारों की रौनक न्यारी
बंधुत्व प्रेम सद्भाव यहीं है ।
अपना भारत देश यही है ।।
जनजीवन के अधिकारों का
संविधान है भाग्यविधाता
गणतंत्र की शान समेटे
जन-गण-मन की गाथा गाता
विश्वमंच के उच्च शिखर पर
ऐसा कोई देश नहीं है ।।
अपना भारत देश यही है ।।
R C Yadav
Delhi
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