कुंभ - कंचनमाला ’अमर’(उर्मी)
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शुद्धि अपने चित्त का कुंभ में हम करते,
आत्मा की अमरता का विश्वास यही से पाते।
सूर्य चंद्रमा बृहस्पति की ऊर्जा का मेल यहां पर होता,
आभामंडल तीनों पिंडों की गंगा को पवित्र है करता।
साधु संतों की जमघट से त्रिवेणी की शोभा बढ़ती ,
जन मानस सैलाब उमड़ जब अद्भुत छटा बिखराती।
बारह सालों की लंबी अवधि के बाद कुंभ है आता,
मानव सभ्यता को कई आयाम नया दे जाता।
आध्यात्मिकता के कई पाठ हमें हर बार सिखाता,
मानव के अंतिम लक्ष्य का ज्ञान हमें दे जाता।
स्वरचित व मौलिक
कंचनमाला ’अमर’(उर्मी)
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