फायदा - डॉ .चंद्रदत्त शर्मा चंद्रकवि रोहतक
सारा सच तब सामने तब आ गया
अपनी बात में फायदा छिपा गया
किस बात में नुकसान किसमें फायदा
करने से पहले विचार का ही है कायदा।
जीवन का नुकसान फायदा कुछ नहीं
संतुष्टि से फायदा ज्यादा कुछ नहीं
जो जिंदगी को जमा घटा समझते रहे
वे जिंदगी का व्यापार ही करते रहे।
जिंदगी का असली सुख आनंद है
सारा सच-जिंदगी कला है उमंग है
इक फकीर ने जीवन का सारा सच कहा
ले मजा उसी का जो तेरे पास है रहा।
फायदा तुझको तभी जीवन में लगेगा
जब मन में खुद से प्यार का भाव जगेगा
तब तेरे लिए कण कण कृष्ण राधा होगा
मस्ती के इस आलम में फायदा ही फायदा होगा।
डॉ .चंद्रदत्त शर्मा चंद्रकवि रोहतक
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