Monday, 29 September 2025

अमीर - गरीब - अनन्तराम चौबे अनन्त

अमीर - गरीब - अनन्तराम चौबे अनन्त

अमीर गरीब जो भी हो
कर्मों का फल मिलता है ।
ईश्वर ने जो लिख दिया है
समय आने पर मिलता है ।

कर्मों का फल मिलता है
कब कैसे कहां मिलता है ।
कोई कभी समझ न पाया
पर कर्मों का फल मिलता है।

कर्म कौन से अच्छे हैं
और कर्म कौन बुरे होते हैं ।
सुख दुख तो आते जाते हैं
सारा सच जीवन साथी होते हैं ।

कोई अमीर है कोई गरीब है
मध्यम वर्ग के लोग भी होते हैं ।
अमीर गरीब या मध्यम वर्ग हो
बच्चे सभी के यहां पर होते हैं।

सारा सच कौन कहां पैदा होगा
क्या कर्मों के फल से होते हैं ।
अमीर के घर औलाद न हो तो
कर्मों का दोष उसको देते हैं।

धर्म कर्म नित पंडित करता है
उसको भी सुख दुख आते हैं।
एक कसाई रोज बकरा काटे
उसको भी सुख दुख आते हैं ।

कर्म कौन सा इसमें अच्छा है
और बुरा कौन सा इसमें है ।
पंडित या कसाई का कर्म
अच्छा बुरा कौन सा इसमें है ।

श्रीराम और सीता दोनों ही
वन वन ही पैदल भटके थे ।
माता पिता की आज्ञा मानी
क्या कर्मों के फल उनके थे ।

कौन कर्मो का फल अच्छा है
कौन बुरा कहना मुश्किल है ।
समय से पहले भाग्य से ज्यादा
किसको मिला कहना मुश्किल है ।

समय के साथ नहीं जो चलता
जीवन भर ही वो पछताता है।
किस्मत को दोष भी वो देता है
सारा सच कर्मों का फल पाता है ।

श्रीकृष्ण सुदामा की मित्रता 
की मिशाल जग जाहिर है  ।
जब तक समय नही आया 
सुदामा हमेशा गरीब रहे हैं ।

किस्मत ने जब साथ दिया 
पल भर में अमीर हो गये ।
दरिद्रता उनकी दूर हो गई 
महलों के मालिक बन गये ।

समय से पहले किस्मत से
ज्यादा कभी नही मिलता है ।
चाहे जितना जतन करो पर
भाग्य समय पर ही खुलता है ।

  अनन्तराम चौबे अनन्त
   जबलपुर म प्र 

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