Saturday, 27 September 2025

आसान या आसन - राजकुमार युवी

 


आसान या आसन 

आसन, ध्यान,योग,प्रणायाम इत्यादि को समझने से पहले हमें योग क्या है यह समझना जरूरी है । फिर हम आसन को सही ढंग से गहराई से समझ सकते है । और अपने दैनिक जीवन मे धारण कर अपने आपको स्वस्थ और खुशहाल बना सकते है । अपनी इंद्रियों पर सही मायने मे  काबू पा सकते है । और अपने आपको दीर्धायु तक ले जा सकते है साथ एक स्वच्छ खूबसूरत समाज निर्माण मे एक अहम भूमिका निभाकर एक आदर्श नागरिक का कर्तव्य भली-भांति निभा सकते है ।
      योग :- योग संस्कृत के दो शब्द से बना हुआ है ,योग का अर्थ होता है जोड़ना यह एक व्यायाम ही नहीं बल्कि मैं जहां तक समझ पाया हुँ तो मैं कहूंगा की योग मतलब एक नई अद्भुत ऊर्जा का संचार । शुद्ध विचार .तन-मन सुखी रखने का बड़ा ही सुन्दर उपाचार । लेकिन अफसोस आज हम आप और युवा वर्ग पूर्वजों के प्राचीनतम उपचार को नजरांदाज करते है ।
         अगर अध्यात्मिक रूप से देखे तो  हम कह सकते हैं की अपने तन - मन से अपने आराध्य ईष्ट देव के साथ जुड़ना ही योग है ।ये अलग बात है यहाँ  साधक चुनते हैं की उन्हें कौन सा योग उन्हें चुनना  है ।जैसे ज्ञान योग ,कर्म योग ,ध्यान योग या फिर भक्ति योग ।
        वैसे भी योग संकल्प की साधना है या  फिर हम कह सकते है की योग एक महत्वपूर्ण अनुशासन है । योग एक स्वच्छ,स्वस्थ  जीवन जीने की कला है ,जिसे अपनाकर  हम पहले से सकारात्मक पक्ष चुन सकते हैं और इस जीवन के सच्चे अर्थो मे आंनद ले सकते है और योग से हम ब्रह्मचर्य नियम को भली-भांति पालन कर सकते  हैं  । अर्थात  योगश्चित्तवृत्ति निरोध:
 योग को मुख्य रूप से पांच प्रकार माना गया है । परन्तु इन प्रकारों के भी उपकार है । जैसे -कर्म योग ,भक्ति योग ,राज योग ,ज्ञान योग और हठ योग ।
हठ योग मे ही प्राणायाम ,बंध, मुंद्रा और आसन को रखा  गया है , 
आसन - योग मे जाने के लिए मानसिक और शारीरिक अवस्था है अर्थात शरीर की आराममय स्थिरता । अर्थात शरीर को बिल्कुल ढीला छोड़कर मनोवृति को बिल्कुल ही चिंता मुक्त शून्य अवस्था मे ले जाना ,जहाँ आपको बिल्कुल ही हल्का और चिंतामुक्त एक सुखद अनुभव हो ,वही आसन है ।धन्यवाद 
   🌹🙏
@rajkishorrayyuvi 
मधुबनी. बिहार

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