आत्म हत्या निवारण - डॉ गुलाब चंद पटेल
पारस्परिक संबंध की भूमिका होती है
सम्बंध सुधार उसे रोका भी जा सकता है
मानसिक तनाव विकारों को दोष देते हैं
मानसिक बीमारी दबाई से रोक सकते हैं
नशीली दवा दोषी ठहराया जाता है
नशीली दवाओं का सेवन रोक सकते हैं
हर साल दश लाख लोग इससे मरते हैं
कीट नाशक जहर बंदूक से लोग मरते हैं
आत्म हत्या धर्म में पाप माना जाता है
बीस मिलियन गैर घातक प्रयास होते हैं
आत्म हत्या दण्डनीय माना जाता है
मुस्लिम देशों में आज भी प्रथा अमली है
गरुड़ पुराण में वर्णन किया गया है
आत्म हत्या को अपराध माना गया है
आत्म हत्या से आत्मा भटकती होती है
न स्वर्ग या नर्क में जाने प्रवेश मिलता है
आत्म हत्या से खुद को बचाया जाता है
यदि मित्र को दुख की बात बताई जाती है
डॉ गुलाब चंद पटेल
No comments:
Post a Comment