Thursday, 2 October 2025

रावन - हेमलता ओझा

 
रावन - हेमलता ओझा 


 क्या है रावन
 जो आज भी ऊसको जलाया जाता है
रावन वो है जो त्रिनेत को शीश का दान देकर
भक्ति का अलख जगाया
कौन है रावन
रावन  जिसे खूद शिव जीने अपना गूरू बनाकर  सोने की लंका दे डाली
रावन कौन है
रावन  वो है जो अपने परिवार व खूद के मोक्ष के लिये पूरे कूल का बलि दे डाला
रावन कौन है
 रावन वो है जो माता सीता को बचन दिया लंका घूमाने को 
बेटी ही तो थी मा
ये वो भी जानती थी
देखा तक नही मां ने और रावन ने 
एक दूसरे को
  रावन कौन है
रावन रामायण नमबर वन रीयल हीरो है
रावन पूजनीय नही बंदनीय होना चाहीये
 ,बहन बेटी की इज्जत कैसी की जाती है ऊससे सिखना चाहीये
रावन कौन है
 लेकिन रावन रावन बनता ही क्यो
जब मां को पहले ही अग्नि मे प्रवेश  प्रवेश करवा चूके थे पुरूषोत्तम राम
छाया ही तो थी मां
ये भगवान भी जानले थे
फिर भी अग्नि परिक्षा ले डाली 
भगवान ने
 लेकर परिक्षा भी गर्भ वती मां को
लव और कूश को जंगल मे जन्म देना पडा
 रावन कौन है
सोच बदलो  जमाने के खूदाया
किसी ने ये ना कहा रावन का पूतला ही जला डालो
कौन है रावन 
 ऊससे भयानक रावन घूम रहे हर जगह
कहां कहा गिनाऊ मै
सत्ता की गलियारे से लेकर
घर की गलियों तक  
बेटीयों की मां जीती है चिंता की लकीरों तक
सूरक्षित नही है नारी
अपने ही गांव मूहलले देश तक
कैसे कह दू रावन निंदनीय है
रावन कौन‌है
 है छोटी कलम मेरी छोटा मूंह भी
ना ही बहूत ज्ञान है हेमा के पास
लेकिन गूजारिश करती हुं जमाने के खूदाया
झांको मौका आने पर 
खूद के मन मे छिपे मार सकते हो रावन को
  सबमे है रावन का नेचर 
फिर क्यो जलाते हो ऊस‌प्रकांड शक्ति कोरूसवाकरके चौराहे पर
जलाना  हो तो बूराइ चोरी कपट बेइमान हवश नाम का
पूतला बनाओ
और मारो इंटा पत्थर से
फीर बढे शौक से जला देना दशहरे पर चौराहे पर
फिर कहना दशहरा पर्वहै सत्य की जय का
गलत थे रावन के पथ
तभी आज जलता है चौराहे पर

हेमलता ओझा 
उत्तर प्रदेश 

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