Friday, 14 November 2025

मतदान - डॉ० अशोक

 

मतदान - डॉ० अशोक

सूरज मुस्काए,
जनमन गाए साथ —
उत्सव लोकतंत्र।

आशा के दीपक,
हर आँख में चमक —
मतदान पवित्र।

उँगलियों का रंग,
संकल्प की ज्योति —
नया सवेरा है।

धरती की गोद,
खुशियों से महके —
सत्य का मौसम।

सारा सच बोले,
जनता के दिल से —
वो साप्ताहिक है।

छठे सटानजा में,
सत्य की सरगम —
सारा सच झूमे।

ताल मिले लय से,
स्वर में स्वर गूंजे —
भारत का राग।

कलम नृत्य करे,
जनचेतना गाए —
सारा सच अमर।

हर पृष्ठ की धुन,
साहस की बयार —
जनता की आवाज़।

जहाँ सारा सच है,
वहाँ दीप जले —
विश्वास खिले।

मतदान का क्षण,
उमंग का सागर —
आओ बदलें।

सारा सच पुकारे,
“उठो मेरे साथी” —
सत्य की जय हो।

हर वोट अमृत,
हर शब्द प्रभात —
जनता विजयी।

लोक की लय में,
सपनों की गूंज —
भारत मुस्काए।

बदलते पलों में,
विचारों की वर्षा —
सारा सच खिले।

मतदान से जन्मे,
नया युग, नई बात —
जनता की जय हो।

डॉ० अशोक
पटना, बिहार

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