मतदान - डॉ० अशोक
सूरज मुस्काए,
जनमन गाए साथ —
उत्सव लोकतंत्र।
आशा के दीपक,
हर आँख में चमक —
मतदान पवित्र।
उँगलियों का रंग,
संकल्प की ज्योति —
नया सवेरा है।
धरती की गोद,
खुशियों से महके —
सत्य का मौसम।
सारा सच बोले,
जनता के दिल से —
वो साप्ताहिक है।
छठे सटानजा में,
सत्य की सरगम —
सारा सच झूमे।
ताल मिले लय से,
स्वर में स्वर गूंजे —
भारत का राग।
कलम नृत्य करे,
जनचेतना गाए —
सारा सच अमर।
हर पृष्ठ की धुन,
साहस की बयार —
जनता की आवाज़।
जहाँ सारा सच है,
वहाँ दीप जले —
विश्वास खिले।
मतदान का क्षण,
उमंग का सागर —
आओ बदलें।
सारा सच पुकारे,
“उठो मेरे साथी” —
सत्य की जय हो।
हर वोट अमृत,
हर शब्द प्रभात —
जनता विजयी।
लोक की लय में,
सपनों की गूंज —
भारत मुस्काए।
बदलते पलों में,
विचारों की वर्षा —
सारा सच खिले।
मतदान से जन्मे,
नया युग, नई बात —
जनता की जय हो।
डॉ० अशोक
पटना, बिहार
.jpg)
No comments:
Post a Comment