लगता है जल्दी चुनाव आने वाले हैं - अंजना जैन
बिहार चुनाव पर एक कविता
शीर्षक : लगता है जल्दी चुनाव आने वाले हैं।
द्वार पै खड़े मेरे
नेता हाथ जोड़े हुए
लगता है जल्दी
चुनाव आने वाले हैं!
कोई टोपियों में दिखे,
कोई भगवा है धरे
फिर एक बार खादियों के
दौर आने लगे हैं।
लगता है जल्दी
चुनाव आने वाले हैं!
झंडे माला हार पहने
नारों का सिंगार पहने
तोहमतें एक दूसरे पर
लगाने लगे हैं !
लगता है जल्दी
चुनाव आने वाले हैं!
नंगे पैर दौड़ के
हाथ दोनों जोड़ के
आम आदमी वो
कहलाने लगे हैं!
लगता है जल्दी
चुनाव आने वाले हैं!
कोई कहे बाबा बाबा
कोई कहीं काबा काबा
कोई इन्हें देवता या
खुदा बताने लगे हैं !
लगता है जल्दी
चुनाव आने वाले हैं!
रोटी खाएं छप्पर में
बैठ के गरीब घर
अपने को ये मसीहा
बताने लगे हैं !
लगता है जल्दी
चुनाव आने वाले हैं!
गलियों के दिन फिरे
नेता जहां रुख करें
दूर-दूर तक वहां मैदान
साफ नजर आने लगे हैं!
लगता है जल्दी
चुनाव आने वाले हैं!
भगवा हरे हरे,
नीले पीले चमकीले
झंडे आसमान तक
लहराने लगे हैं!
लगता है जल्दी
चुनाव आने वाले हैं!
कोई हाथ हाथ कहे
कोई लेके फूल चले
कोई बैठे हाथी पै तो
कोई लालटेन जलाने
लगे हैं !
लगता है जल्दी
चुनाव आने वाले हैं!
कोई खुदा याद करें
कोई राम राम कहे
सारे देवता वो
मनाने लगे हैं!
लगता है जल्दी
चुनाव आने वाले हैं!
अंजना विनत करे
जागरूक तुम्हें करे
सही गलत सोच के
निर्णय करो तौल के
क्योंकि !!
अब चुनाव आ ही गए हैं!
अंजना जैन स्वरचित मौलिक
उत्तर प्रदेश

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