Friday, 14 November 2025

आज के नेता - नीलम गुप्ता

आज के नेता -  नीलम गुप्ता

तुझे देखा, तेरे वायदे देखे
तू नेता है तूने अपने फायदे देखे
तूने आशिक की तरह बेबफाई निभाई
चुनावके बाद अपनी शक्ल ना दिखाई

भावनाएं हमारी जली 
पूरियां तुमने तली 
हम बिलख रहे थे भूख से
तुमने विदेशी यात्राएं रची 

सबका साथ, सबका विकास
फिर ये नेता क्यों नहीं होते साथ
सत्ता पाने को आतुर है इतने
पक्ष, विपक्ष सब मिला लेते हाथ

चार सौ पार हो या चालीस पार
पहले बदले अपने विचार
राजनीति में ईमानदारी चुनिंदा है
नेतायों से तो गिरगिट भी शर्मिंदा है

बड़े, बड़े वादों से भरमाते है
शराब, शबाब खूब लुटाते है
हमारे पैसों से लाल बत्ती में घूमेंगे 
और हमे ही वीआइपी गिरी दिखाते है

नेताई के लिए कोई डिग्री नही होती
बस गुनाहों को लिस्ट बड़ी,छोटी होती
सब एक ही थाली के चट्टे बट्टे लगते 
खुद को हरिश्चंद दूसरे को पप्पू समझते 

स्वरचित 
नीलम गुप्ता
उत्तर प्रदेश 

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