अधिकार - संजय वर्मा "दृष्टि "
जीवन चक्र में स्त्री का अधिकार
मिलना आवश्यक है क्योंकि
सुना था दुःख के पहाड़ भी गिरते।
स्त्री पर पहाड़ गिरना समझ आया।कुछ समय बाद पेड़ पर पुष्प हुए पल्ल्वितजिन्हें बालों में लगाती थी कभीवो बेचारे गिर कर कहरा रहे और मानोकह रहे उन लोगो से जोशुभ कामों में तुम्हे धकेलते पीछेस्त्री का अधिकार न छीनोबिन प्रकृति और स्त्री के बिना संसार अधूराहवा फूलों की सुगंध के साथगिरे हुए पुष्प का कर रही सृजन के साथ समर्थन ।संजय वर्मा "दृष्टि "

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