Monday, 1 December 2025

अधिकार - संजय वर्मा "दृष्टि "

 

अधिकार - संजय वर्मा "दृष्टि "
     
        जीवन चक्र  में स्त्री का अधिकार 
        मिलना आवश्यक है क्योंकि
        सुना था दुःख के पहाड़ भी गिरते।

स्त्री पर पहाड़ गिरना समझ आया।
कुछ समय बाद पेड़ पर पुष्प हुए पल्ल्वित 
जिन्हें बालों में लगाती थी कभी 
वो बेचारे गिर कर कहरा रहे और मानो 
कह रहे उन लोगो से जो 
शुभ कामों में तुम्हे धकेलते पीछे 
स्त्री का अधिकार न छीनो 
बिन प्रकृति और स्त्री के बिना संसार अधूरा 
हवा फूलों की सुगंध के साथ 
गिरे हुए पुष्प का कर रही सृजन के साथ समर्थन ।

संजय वर्मा "दृष्टि "

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