अधिकार - कंचनमाला ’अमर’(उर्मी)
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जीवन की है धारा अधिकार
मन में ये करता है उजियार,
ना बड़ा है ना कोई छोटा
प्रकृति ही देती ये उपहार।
समता सम्मान जीवन का रंग
उचित हमेशा इनका संग,
अन्याय अंधेरा जब जब घेरे
अधिकार भान ही देता बल ।
अधिकार है देता संविधान
देता है मन को खुली उड़ान,
करना उसका हरदम सम्मान
क्योंकि देता सबको पहचान।
अधिकारों का मान सदा है
कर्तव्य बिना ये व्यर्थ सदा हैं,
दोनों जब जब चलते हैं संग
खिलते रहते फिर जीवन रंग।
स्वरचित व मौलिक
कंचनमाला ’अमर’(उर्मी)

Delhi

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