देश खतरे में है - रशीद अलक़ादरी
उनके लिए गाय कोई माता नहीं
राजनीति का बस हिस्सा है
गौ रक्षा दल बताने वाले काट रहे गौ
यही बस हक़ीक़ी किस्सा है
संविधान , विधि विधान , अदालत मगर न्याय उन्ही का
जिसके हाथों में राजनीतिक सिक्का है
क़ानून क़ानून के रखवाले ,पत्रकार मीडिया
लोकतंत्र का चौथा स्तंभ सब बिक चुका है
अल कबीर अल हम्द अरेबियन एक्सपोर्ट अल नूर
मुसलमान और मुसलमान का नाम रोज़गार का हिस्सा है
धर्म ख़तरे में नहीं देश ख़तरे में है इंसानियत ख़तरे में है राशिद
यही हक़ीक़ी क़िस्सा है यही हक़ीक़ी क़िस्सा है
रशीद अलक़ादरी (झारखंड )

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