Sunday, 21 December 2025

वीरों - राजवाला पुंढीर


 वीरों - राजवाला पुंढीर

वीरों के साहस का आज करते हैं बखान,
 भारत माता की ये तो अद्भुत हैं संतान।

ये देश के लिए जन्मे ऑर देश पै मरते हैं 
ये देख के दुश्मन को ना कभी भी डरते हैं
सीने पर गोली खा जोश भरते हैं जहान।

वीरों से ही भारत मां तो रोशन होती है
हीरो जैसी परिखावन तो युद्धमें होती है
दुश्मन के सीने को चीर करते लहूलुहान।

है कफ़न तिरंगा इनकाऔर माटीहै चंदन
हम रोज ऐसे वीरों को तो करते हैं वंदन
उनकी मां को वंदन ऐसे जन्मे हैं जवान।

वीरों का तो कहना है एक इंच न देंगे हम
चाहे शीश उड़ जाए उसका नहीं है गम 
जलथल लड़तेहै वो कभी भरतेहैं उड़ान।

 हिन्दूहों चाहे मुस्लिम एकजुट हो लड़ते है
जब सामने हो दुश्मन तो टूट के पड़ते है
ये देश है वीरों का हमसब है एक समान।

इनकी एक दहाड़ से धरती हिलजाती है
एक एक बूंद रक्त की माटी मिलजाती है
भारतकी ताकतसे है विश्व नहींअनजान।

जब होते हैं शहीद सिंदूर मिटे किसी का 
राखी गई बहनकी सूनाआंचल किसीका
इनकी शहादत का हम करते हैं सम्मान।

असमर्थ हुई पुंढीर आज नाम बताने में
अनगिनत नाम लाचार है नाम गिनाने में
हाथजोड़ क्षमामांगे है बहुत बड़ी नादान।

नाम- राजवाला पुंढीर 
(Rajwala pundhir) 
C/राखी पुंढीर 
एटा, उत्तरप्रदेश 

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