Saturday, 15 March 2025

आदि शक्ति - डॉ० उषा पाण्डेय 'शुभांगी'



आदिशक्ति कहलाती माता,  दुष्टों का करती संहार। 

शरण तुम्हारे जो भी आता, करती उसका माँ उद्धार।
माता तुम तो जग जननी हो, भक्तों के सर रखना हाथ।
हरेक पल तुम मात भवानी,
रहना अपने भक्तों के  साथ।
अंधकार तुम हरती माता, राक्षसों का करती नाश।
जिस पर कृपा तुम्हारी होती, नहीं होता वह कभी निराश।
जगदंबा, परमेश्वरी, 
महिषासुर मर्दिनी कहलाती। 
सच की जीत सदा होती है,
माँ तुम यही बतलाती।
अथाह शक्ति से भरी हो माता, देवता भी तुम्हारी पूजा करते। 
सर्वोच्च स्थान तुम्हारा जग में, त्रिशूल चक्र तुम्हारे कर में सजते।
हम महिलाओं में माता तुम, 
शक्ति का संचार करो। 
सच की राह पर हम चले,
सकारात्मकता हममें भरो।
बहु को हम लक्ष्मी माने, 
करे हम उससे सद्व्यवहार।
इतनी शक्ति देना माता, 
नहीं करें हम अहंकार।
रक्षा करो सदा हम सब की, 
सबका माता दुख हरो।
हम सब खुशहाल रहें,
सुविचार मन में भरो।
आदिशक्ति की भक्ति करें हम, पुष्प तुम्हें अर्पण करें। 
चोला चुनरी तुम्हें चढ़ावें, 
हिय में तुम्हारा ध्यान धरें।

डॉ० उषा पाण्डेय 'शुभांगी'
स्वरचित

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