योग, साधना सरल है
मन होता है शांत
भाग दौड़ की दुनिया में
जब होते हैं अशांत
अपने लिए समय नहीं
मन ना करे विश्राम
समय से नियमित योग करो
तो जीवन हो खुशहाल
योग क्रिया नित करो
रोगों का होगा हो नाश
जीवन पद्धति सुंदर बने
मन में हो विश्वास
बंद रखो आंखे हाथों से
लंबी सी एक सांस
ॐ हो उच्चारित करो
ध्यान शून्य में केंद्रित करो आज
मन मस्तिष्क हो शुद्ध अगर
हो जाए यह शुरुआत
पूरे दिन की ऊर्जा मिले
क्या दिन हो क्या रात!
प्राणायाम नासिका पथ और
भ्रामरी से हो कंठ मधुर
सूर्य नमस्कार से पाचन
योग है जीवन पुष्प भ्रमर।
योग दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं
डॉ पूजा भारद्वाज 

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