हमारीवाणी साप्ताहिक प्रतियोगिता
मेरी कलम मेरी पहचान
विषय - सफलता
सादर प्रेषित
सदा आगे ही बढ़ो संघर्ष जीवन में करो
बाधाएं कितनी भी आऍं मत उनसे डरो।
पुष्पों से सुरभित नहीं सफलता की राह
भूल जाओ यदि हो मन में ऐसी कोई चाह।
कंटक पथ पर चलते यदि तुम जाओगे
साहस के फूल बिछा सफलता पाओगे।
सफलता मिलना है नहीं तनिक भी आसान
दुनिया के षडयंत्रों को भी तुम लो पहचान।
मंजिल तुमसे कितनी भी हो दूर मगर
पाओगे निश्चित ही रखोगे हौंसला अगर।
सफल आप जब हो जाओगे
मन में फूले नहीं समाओगे।
पर सफलता तुमको मिलते ही
मन उपवन तुम्हारा खिलते ही।
तुम्हें तुम्हारी सफलता के राज बताए जाऍंगे
षड्यंत्रों में उलझा असफल लोग खुशी मनाऍंगे।
मत घबराना मत रुकना तुम
कभी बदल भी मत जाना तुम।
हे कर्मवीर हे धर्मवीर जीवन में होकर सफल
गर्वित हो जिओ जीवन रख इरादे अपने अटल।
सुधा बसोर सौम्या
उत्तर प्रदेश

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