Wednesday, 17 December 2025

स्वास्थ्य - महाकवि डा अनन्तराम चौबे अनन्त


 राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य मंच हमारी वाणी 

साप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु 
विषय ...स्वास्थ्य 
स्वास्थ्य  - महाकवि डा अनन्तराम चौबे अनन्त


स्वास्थ्य शरीर निरोगी काया 
शरीर स्वास्थ्य जीवन आधार ।
सुख शांति परिवार  में होगी 
स्वास्थ्य सुखी रहेगा घर परिवार ।

ईश्वर ने सभी का शरीर बनाया 
शरीर में अंग बहुत होते हैं  ।
हाथ पैर  नाक आंख कान 
और भी अंग शरीर में होते हैं ।

पुरुष और महिला के शरीर भी 
कुछ अंग अलग अलग होते हैं ।
अलग अंगों की पहचान से ही
महिला पुरुष अलग होते हैं ।

शरीर का कोई अंग दुखता है
दैनिक कार्य मुश्किल होता है।
पैरों के घुटनों में जब दर्द होता है
बहुत ही मुश्किल हो जाता है ।

स्वास्थ्य शरीर पावन धाम है
तन मन भी सुखमय रहता है ।
जीवन में सुख चैन जब रहता
पावन धाम सा बन जाता  है ।

मन प्रसन्न निरोगी काया हो
स्वास्थ्य जरूरी है आधार ।
सुख शांति और भाईचारे से
भरा पूरा हर घर परिवार  ।

तन मन स्वास्थ्य रहेगा जब 
सुखी जीवन भी रहेगा उसका ।
आपस में जो मिलकर रहेगा
निरोगी जीवन होगा उसका ।

सारा सच काम क्रोध मोह माया 
का लालच जब मन में रहता है ।
सारा सच मन अशांत हो जाता है
स्वास्थ्य पर असर भी पड़ता है ।

शारीरिक मेहनत जो नही करता
शरीर शिथिल भी हो जाता है ।
सारा सच शरीर दुर्बल रहता है
मेहनत का काम नही होता है ।

स्वास्थ्य जरूरी पावन धाम है 
शारीरिक मेहनत करना होगा ।
काम नही कुछ करना है तो
सुबह शाम घूमना जरूरी होगा।

घर के आसपास में हमेशा
स्वच्छता, सफाई जरूरी है ।
शुद्ध हवा स्वास्थ्य के लिए 
सभी के लिए भी जरूरी है ।

घर के आसपास पेड़ पौधे हों
जो स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं।
सारा सच शरीर स्वास्थ्य रखने 
में शुद्ध पर्यावरण भी जरूरी है।

स्वास्थ्य शरीर सुखी जीवन
सुख शांति का आधार है ।
स्वास्थ्य जरूरी रहेगा तभी 
तो सुखी होगा घर परिवार है ।

 महाकवि डा अनन्तराम चौबे अनन्त
    जबलपुर म प्र

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