कोहरा - संजय वर्मा "दृष्टि "
कोहरो से लिपटे
वृक्ष ,पहाड़ हसीं लगते
मानो प्रकृति ने
चादर ओढ़ी हो
सुबह की ठण्ड से।
कोहरो में दिखती
ओंस की बूंद इन पर
खुल जाती इनकी नींद
साथ ही सूरज के उदय होते
ऐसा लगता मानों
घर का कोई बड़ा बुजुर्ग
अपने बच्चों को उठा रहा हो।
तब ऐसा महसूस होता कि
प्रकृति भी सिखाती
सही तरीके से जीने के लिये
उन्हें प्यार भरा अनुशासन |
संजय वर्मा "दृष्टि "
मनावर जिला धार (म. प्र .)

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