नेहा - प्रकाश का संदेश
दीपों की रौशनी से जगमग संसार,
हर दिल में जलता प्रेम का दीप अपार।
रंगोली बिखेरे स्नेह के रंग,
मिटे मन से ईर्ष्या, लोभ और दंभ।
गणेश जी सिखाएँ बुद्धि का मार्ग,
लक्ष्मी जी दें श्रम का फल भाग।
मिठाइयों से मीठे हों व्यवहार,
यही है पर्व का सच्चा प्रचार।
पटाखों से नहीं, मुस्कानों से सजाओ,
प्रेम के दीप हर द्वार जलाओ।
त्योहार तभी बनेगा उत्सव महान,
जब हर हृदय में जगें मानवता के गान।
दीपावली केवल दीपों का त्योहार नहीं,
यह अंधकार पर प्रकाश की जीत सही।
संदेश यही — मन का दीप जलाओ,
खुशियों का जग अपना बनाओ।
नाम -नेहा
पता - नई दिल्ली
पद - हिंदी शिक्षिका
कविता - प्रकाश का संदेश
शैली - भावात्मक और संदेशात्मक
मुक्त छंद
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