दिवाली ज्ञान (हास्य कटाक्ष) - हिमांशु शुक्ल
सोचा एक बात बता दूं,
अपने अरमानों को बिंदास जता दूं,
अब कुछ ज्ञानचंद आपको ज्ञान भी देंगें,
और पटाखे न चलाने का भी फरमान देंगे,
साल भर तो ये अपने बिलों में सोए रहते हैं,
और 2 कौड़ी के विज्ञापनों में खोए रहते हैं,
लगभग कुछ महीनों से कुछ देशों में मिसाइलें फट रही हैं,
मगर 364 दिन छोड़कर, ओज़ोन परत बस दिवाली के दिन ही घट रही है,
ये आपके दोस्त, रिश्तेदार या पड़ोसी भी हो सकते हैं,
या कुछ fav actors, नेता या नशेड़ी भी हो सकते हैं,
इनकी इनके घर में तो कोई सुनता नहीं है,
इसलिए ये अपनी भड़ास बाहर ही निकालते हैं,
कभी होली पर रंगों पर तो कभी दिवाली पर पटाखों पर ज्ञान देके,
अपनी बची कुची इज़्ज़त भी सरेआम उछालते हैं,
मिठाई के नाम पर ये आपको ऐसे चूना लगाते हैं,
कि तीसरे की दी हुई सोन पापड़ी, दूसरे से लेके ये आपको चिपकाते हैं,
और इनको कोई फरक नहीं पड़ता कि आप दिवाली कैसे मना रहे हैं,
ये बस दूसरे की देखा देखी, बिना दिमाग लगाए नाक की सीध में चले जा रहे हैं,
तो आपको बस ये करना है कि सबसे पहले तो घबराना नहीं है,
दिवाली दिल खोल कर मनाएं और पटाखों से शर्माना नहीं है !!
दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं !!
========
_*स्वरचित*_
_*~हिमांशु शुक्ल*_
Utter Pradesh

No comments:
Post a Comment