Friday 26 January 2024

भगवान - अनन्तराम चौबे अनन्त

 

राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य मंच हमारी वाणी की साप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु
विषय... भगवान

नाम.. अनन्तराम चौबे अनन्त जबलपुर म प्र
कविता... भगवान

भगवान भाग्य विधाता है
सभी के जीवन के दाता हैं ।
जीवन है अनमोल सभी का
सारा सच भगवान दाता है ।

भगवान के घर देर है 
सारा सच अंधेर नही है ।
पाप पुण्य का लेखा जोखा।
समय के साथ सही है  ।

जीवन में सुख दुख का
आना जाना लगा रहता है ।
इन्सान अपने हिसाब से 
सारा सच जीवन जीता है ।

कोई श्रद्धा से पूजा पाठ
भजन कीर्तन करता है
भगवान से प्रेम करता है
सीधा सम्पर्क रखता है ।

अच्छे बुरे को समझता है
धरम करम  भी करता है
पाप पुण्य भी समझता है ।
भक्ति भाव मन में रखता है ।

रामायण गीता पढ़ता है
कथा भागवत कराता है ।
समय समय पर आने बाले
धार्मिक त्योहार मनाता है ।

गणेश जी दुर्गी जी की
झाकियां भी सजाता है ।
अपने पुरखो को मानता है
पितृ पक्ष में श्राद्ध करता है ।

किसी न किसी रूप में ही 
भगवान का रूप झलकता है ।
भगवान भी हर इन्सान के
सारा सच मन में रहता है ।

माता पिता भगवान का रूप है
कष्ट कभी कोई उनको न देना ।
जैसा करोगे फल भी पाओगे
सारा सच है समझ में लेना ।

श्रद्धा भाव भगवान में रखना
आडम्बर  न दिखावा करना ।
अमीर गरीब में भेदभाव करना
आस्था और विश्वास रखना ।

   अनन्तराम चौबे अनन्त 
   जबलपुर म प्र 

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