स्वास्थ्य
मन प्रसन्न निरोगी काया हो
स्वास्थ्य जरूरी है आधार ।
सुख शांति और भाईचारे से
भरा पूरा हर घर परिवार ।
स्वास्थ्य शरीर पावन धाम हैं
तन मन भी सुखमय रहता है ।
जीवन में सुख-चैन जब रहता
पावन धाम सा बन जाता है ।
तन मन स्वास्थ्य रहेगा जब
सुखी जीवन भी रहेगा उसका ।
आपस में जो मिलकर रहेगा
निरोगी जीवन होगा उसका ।
ईश्वर ने सभी को बनाया है
शरीर में अंग बहुत होते है ।
हाथ पैर मुंह आंख नाक कान
और भी शरीर में अंग होते हैं ।
शरीर का कोई अंग दुखता है
दैनिक कार्य मुश्किल होता है ।
पैरों के घुटनों में दर्ज होता है
चलना मुश्किल हो जाता है ।
सारा सच काम क्रोध मोह माया
का लालच जब मन में रहता है ।
सच है मन अशांत हो जाता है
स्वास्थ्य पर असर भी पड़ता है ।
शारीरिक मेहनत जो नही करता
शरीर शिथिल भी हो जाता है ।
सारा सच शरीर दुर्बल रहता है
मेहनत का काम नही होता है ।
स्वास्थ्य जरूरी पावन धाम है
शारीरिक मेहनत करना होगा ।
काम नही कुछ करना है तो
सुबह शाम घूमना जरूरी होगा।
घर के आसपास में हमेशा
स्वच्छता, सफाई जरूरी है ।
शुद्ध हवा स्वास्थ्य के लिए
सभी के लिए भी जरूरी है ।
घर के आसपास पेड़ पौधे हों
जो स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं।
सारा सच शरीर स्वास्थ्य रखने
में शुद्ध पर्यावरण भी जरूरी है।
स्वास्थ्य शरीर सुखी जीवन
सुख शांति का आधार है ।
स्वास्थ्य जरूरी रहेगा सभी का
तो सुखी होगा घर परिवार है ।
अनन्तराम चौबे अनन्त
जबलपुर म प्र
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